बाला साहब ठाकरे के परिवार के नाम पर रखा, केकड़े की प्रजाति का नाम

मुंबई: जी हाँ अब ठाकरे परिवार का नाम केकड़े कि प्रजाति को भी दिया गया जिसका सबसे बड़ा कारण यही है की केकड़े कि नई प्रजाति कि खोज बाला साहब ठाकरे के पोते तेजस ठाकरे ने की. 19 बर्षीय तेजस ने सिर्फ एक ही नहीं बल्कि केकड़े कि पांच नई प्रजाति कि खोज की गौरतलब है कि तेजस का पूरा परिवार राजनीति के क्षेत्र में उतरा हुआ है जबकि तेजस कि ऐसी कोई योजना नहीं है। 

तेजस ने केकड़े की नई प्रजातियों को खोजने की शुरुआत उनके दो अन्य साथी डॉ एसके पाटिल और अनिल खरे के साथ जुलाई 2015 से शुरू की। डॉ एसके पाटिल जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से जुड़े हुए हैं। और उन्होंने ही तेजस के रिसर्च पेपर को लिखने में मदद की है। जो कि 'इंटरनेशनल जर्नल जूटाक्सा' में प्रकाशित हुए हैं। वेस्टर्न घाट के सहयाद्री रेंज में बसे सिंधदुर्ग जिले के सावंतवाड़ी से इन तीनो ने मिलकर केकड़े कि पांच लाल, ऑरेंज, मैटेलिक ब्लू, सफेद और डार्क ऑरेंज रंग की प्रजातियों कि खोज कि है इनका दावा है कि ये प्रजातीय इसके अलावा अन्य क्षेत्रो में भी पाई जाती होगी। 

तेजस ने बताया कि यह खोज करते समय उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा उन्होंने बताया कि कई महीने कोंकण में गुजारे, कई दिनों तक घने जंगलों में जोंक और विषैले सांपों के बीच रहना पड़ा। साथ ही मानसून के दौरान कैमरे और अन्य उपकरणों को पानी से बचाना सबसे बड़ी चुनौतियां थीं। तेजस ने इन केकड़ो को इनके रंग के कारण इन्हें विशेष बताया। 

हम आपको जानकारी दे दे कि तेजस द्वारा खोजे गए लाल केकड़े का नाम उन्होंने 'गूबनट्रियाना रूबरा' रखा था। लेकिन उनके सहयोगी डॉ पाटिल ने इसका नाम ठाकरे परिवार से जोड़ते हुए 'गूबनट्रियाना ठाकरे' रखा। 

 

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