बहुत कम उम्र मे ...............बहुत ‎समझदार हो गई ऐ जिंदगी देख ..............मै ‎तर्जुरबेदार हो गई....!! लोग करते रहे .............गिले शिकवे की बात मै सब सुनकर भी ..............खामोश हो गई....!! सच बोलना ..............‎गुनाह था शायद मै गुनाह करके ..............गुनाहगार हो गई....!! क्या वफा की बिसात थी ..............इस ‎पत्थर दिल जमाने में समेट कर मै सारे अहसास ...............गुमनाम हो गई....!! मोहब्बत दर्द है, आँसु है ..............‎सितम है, लोग कहते है मैने तो सब खोकर भी .............. आबाद हो गई......!!