बदली सावन की कोई जब भी

बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी ठीक से सो न सकी होगी कभी वो भी करवटें रात भर बिस्तर पे वो भी बदलती होगी

 

 

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