मुझे अश्वेत होने के कारण नहीं मिला नोबेल पुरस्कार

रांची: योग गुरू बाबा रामदेव ने एक नई बहस छेड़ दी है। दरअसल वे स्वयं को नोबेल पुरस्कार न दिए जाने से असंतुष्ट नज़र आए। आखिर हो भी क्यों न स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्होंने योग और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से बहुत ही बेहतर कार्य किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि अच्छा कार्य करने के बाद भी उन्हें नोबेल नहीं मिला है। हालांकि उन्होंने यह भी जताया है कि उन्हें किसी पुरस्कार की आवश्यकता नहीं है। इस दौरान उसने कहा कि नोबेल पुरस्कार इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि वे अश्वेत हैं।

दरअसल बाबा रामदेव का रांची में योग शिविर चल रहा है। इसी के तहत वे उपस्थितों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस बीच उन्होंने वहां उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि यदि वे यदि गौरी त्वचा के होते तो नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कर दिए जाते। मगर उन्हें यह नहीं दिया गया क्योंकि वे अश्वेत हैं। उन्होंने कहा कि योग गुरू बाबा रामदेव ने बयान देकर कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास भी इस दौरान उपस्थित थे।

रामदेव द्वारा दिए गए बयान को लेकर ट्विटर पर प्रतिक्रियाऐं दी गईं। लोगों की प्रतिक्रियाऐं इतनी अधिक हो गईं कि नोबेल पुरस्कार ट्रेंड करने लगा। बाबा रामदेव ने अपने कार्यक्रम में उपस्थितों को संबोधित भी किया। इस समय झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास भी उपस्थित थे। 

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