भगवान परशुराम को सप्त चिरंजीवियों में से एक मन जाता है. उनका जिक्र रामायण के साथ ही महाभारत में भी किया गया है. उनको शस्त्र के साथ शास्त्र का भी ज्ञान था. आज हम भगवान पाशुरम के प्रिय शस्त्र 'फरसा' के बारे में बताने जा रहे है. झारखंड में रांची से करीब 150 किमी की दूरी पर घने जंगलो के बीच भगवान परशुराम का फरसा गड़ा है. यह जगह टांगीनाथ धाम के नाम से मशहूर है. कहा जाता है की यहाँ एक बार लोहार रहने आये थे. ज़रूरत पड़ने पर उन्होंने इस फरसे को उखाड़ना चाहा. जिसके बाद एक एक कर के परिवार के सभी सदस्यो की मौत होने लगी थी. इस भय से सभी लोहार वह से चले गए थे. इस बात का आज भी इतना खौफ है की यहाँ दूर-दूर तक कोई लोहार नहीं रहता है. यहाँ के लोगो के अनुसार किसी को इस बात का भी अंदाज़ा नहीं है की यह फरसा ज़मीन के अंदर कितना धंसा है.इसके अलावा इस फरसे पर इतने सालो में अब तक जंग भी नहीं लगी है. बीमारियों से बचने के लिए करे कपुर के पानी से स्नान