व्हीकल मॉडिफिकेशन है गैरकानूनी पर इस कार का आनंद तो पुलिसवाले भी लेने से नहीं रुक पाए

भारत में वाहनों को मॉडिफाई करना गैर कानूनी है। नए मोटर वाहन एक्ट लागू होने के बाद ट्रैफिक पुलिस अपराधियों को नहीं बक्श रही है। कई मामले सामने आएं है जहां बाइक और कार मॉडिफाई करने पर वाहन जब्त कर लिए गए हैं। पर यहां एक ऐसा मामला सामने आया है जहां ट्रैफिक पुलिस के कुछ अधिकारी एक अजीब तरह से मॉडिफाई किए गए कार में बैठने का आनंद ले रहे हैं। इस कार को मॉडिफाइड करने के लिए कार के व्हील बेस को छोटा कर दिया है। पिछले भाग में नए टेललैंप और बम्पर लगाए गए हैं। आगे के भाग को मॉडिफाई किया गया है और मारुति वैगन आर के हेडलैंप लगाए गए हैं। यह कार देखने में एक मिनी इलेक्ट्रिक कार जैसी लगती है, लेकिन इसके इंजन और ट्रांसमिशन में कोई बदलाव नहीं किया है। कार में पुराना डैशबोर्ड लगा है और स्टीयरिंग भी बदली गई है। ध्यान दिया जाना चाहिए कि बिना आरटीओ के आदेश के ऐसे मॉडिफिकेशन गैर कानूनी हैं। वास्तव में, संरचनात्मक परिवर्तन बेहद खतरनाक हैं और वाहन को फिर से सड़क की योग्यता साबित करने के लिए एआरएआई द्वारा परीक्षणों को पास करना पड़ता है। भारत के कई अन्य राज्यों में, ऐसे मॉडिफाइड वाहनों को तुरंत जब्त कर लिया जाता है।

दरअसल पुलिस अपनी रेगुलर चेकिंग के दौरान एक मॉडिफाइड कार दिखती है। यह कार बेहद छोटी दिखती है इस कारण पुलिस इसे जांच की लिए रोक लेती है। पुलिस का कहना था कि यह कार हर रोज इस सड़क पर दिखती थी, तो सोचा की क्यों न आज इस कार को रोक कर इसकी जांच की जाए।  

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