बजट 2017 पेश होने के बाद भी ऑटो इंडस्ट्री ने लगा रखी उम्मीद

इस बार के आम बजट 2017 में ऑटो इंडस्ट्री के लिए किसी योजना की घोषणा नहीं की इसकी वजह से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को सिर्फ निराशा ही मिली है। सरकार ने इस बार ना इलेक्ट्रिक और ना ही ऑटोमोबाइल के संबंध में कोई सूचना दी। इस तरह कैसे ऑटो इंडस्ट्री को उबरने का मौका मिलेगा। यह सब देखऩे के बावजूद भी इंडस्ट्री सरकार से उम्मीद की आश कर बैठी हैं। और अब सबकी नजर जीएसटी के इंप्लीमेंटेशन पर ‌टिकी हुई है। बजट के इस स्थिति को देखते हुए इंडस्ट्री के लोगों ने सरकार से की आश-

रेनो इंडिया के एमडी सुमित साहनी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली व्दारा पेश बजट पर खुशी व्य़क्त करते हुए कहा कि, सरकार ने लोगों को इस बात का भरोसा दिलाया है कि वैश्विक परिवेश में उथल-पुथल होने के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्‍था पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। कृषि क्षेत्र किसानो को की मदद करने के लिए वित्त मंत्री ने बजट में 1 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा कर ग्रामीण अर्थव्यवस्‍था को और अच्छा बनाने की संकेत दिया है। इससे फायदा ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को भी मिलेगा। लेकिन कुछ घोषणा का इंतजार ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री कर रही थी लेकिन उस पर कोई घोषणा नहीं हुई। फिर भी ऑटो इंडस्ट्री के लोग उम्मीद लगा कर बैठे हैं। 

इस सब को देखते हुए अरुण मल्होत्रा निशार इंडिया (एमडी) ने कहा की सरकार ने इंडिया आयकर की दरें 10% से घटाकर 5% कर दी हैं। यह बात उन आयकर दाताओं के लिए अच्छी खबर है जिनकी सालाना आमदनी पांच लाख रुपये है। इससे कार खरीदार को एंट्री लेवल या छोटी कारों को खरीदने में आसानी होगी। इसके बजट में कुछ ऐसा नहीं है जिससे ऑटो सेक्टर को फायदा होगा। साथ ही आयुष लो‌हिया, सीईओ, लोहिया ऑटो इंडस्ट्रीज ने भी इस बात पर टिप्पणी करते हुए कहा की ऑटो इंडस्ट्री के लिए विपरीत परिस्थितियों और नोटबंदी की वजह से जो परेशानी हुई उसको देखते हुए इस बार के बजट से काफी उम्मीदें थी। अब हम सिर्फ जीएसटी के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं हो सकता है कि यह ऑटो सेक्टर के लिए अच्छा संकेत हो। 

आईटी रिटर्न, तो अब देना होगा जुर्माना

बजटः पहले नोटबंदी, अब मुंहबंदी

 

Related News