उत्तराखंड में हाॅर्स ट्रेडिंग के प्रयास में लोकतंत्र की हत्या

देहरादून: आखिरकार केंद्र सरकार की अनुशंसा पर उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति शासन लागू करने पर अपनी मोहर लगा दी है। हालांकि प्रारंभिक तौर पर विधानसभा को भंग नहीं किया गया है, इसे निलंबित किया गया है, इस स्थिति में राज्य के राज्यपाल द्वारा सत्तारूढ़ दल को अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा जा सकता है|

राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के बाद उत्तराखंड समेत देशभर में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई, जहां मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा उन्हें धमकी दी जा रही है, यही नहीं कांग्रेस के विधायकों को लेकर भाजपा हाॅर्स ट्रेडिंग करने में लगी है, उनका कहना था कि भारतीय जनता पार्टी लगातार नेताओं को धमका दे रही है।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वे इस तरह के प्रयासों को लोकतंत्र की हत्या मानते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा संविधान की हत्या की जा रही है। भाजपा पर उन्होंने आरोप लगाया कि वह धनबल से राज्य की राजनीतिकता को प्रभावित कर रही है, उन्होंने कहा कि जो नेता स्वयं धोखाधड़ी का कार्य कर रहे हैं वे ही स्टिंग से मेरी छवि खराब करने में लगे हैं। इसके उलट केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या 18 तारीख को हुई। केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली द्वारा यह भी कहा गया कि कांग्रेस को अपने संगठन और अपने नेतृत्व का आंकलन करना चाहिए मगर वे भाजपा पर आरोप मढ़ रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यदि हाॅर्स ट्रेडिंग कर कांग्रेस ने बहुमत साबित किया तो यह गिरोह की सरकार होगी, ऐसे में प्रजातंत्र को बचाने के लिए प्रेसिडेंट रूल लगाया गया। भारतीय जनता पार्टी के श्याम जाजू ने कहा कि पूरे देश ने यह भी देखा कि मुख्यमंत्री अप्लमत में जा चुकी सरकार को बचाने के लिए बहुमत के प्रास में किस तरह से लगे हुए थे। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इसे लोकतंत्र का मर्डर ही कहा जाए तो उचित है, सरकार को न तो बहुमत सिद्ध करने दिया गया और न ही विधानसभा अध्यक्ष की सुनी गई। 

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