26 फरवरी से शुरू होने जा रहे भस्म बुधवार के बारे में ये बाते नहीं जानते होंगे आप ...........

ईसाइयो में 40 दिन के उपवास के रूप मे रखे जाने वाले दिन की शुरुआत इस वर्ष 26 फरवरी से शुरू होने जा रहा है इसे ही ऐश वेडनेसडे या भस्म बुधवार के नाम से जाना जाता है ये 26 फरवरी से शुरू होकर 10 अप्रैल तक चलेंगे , वैसे तो इन दिनों की काउंटिंग 40 से ज्यादा होती है लेकिन इन्हे चालीस दिन इसलिए कहा जाता है क्योकि इसमें रविवार को नहीं गिना जाता है क्योकि वो प्रभु येशु के जी उठाने का दिन माना जाता है इसलिए ये पवित्र दिन है और इसलिए ईसाइयो में इस दिन उपवास या शुक या शादी ब्याह नहीं की जाती हैऔर यही कारण है की ये चालीस दिन गिने जाते है। इन उपवास के दिनों में चर्चेस में सुबह शाम उपवास रखे जाते है और बाइबिल के वचन सुनाए जाते है 

इन दिनों में मन को शांत को अध्यात्म से जुड़ने और ईश्वरीय अनुग्रह को पाने के लिए उपवास रखे जाते है लेकिन 40 दिन ही इसलिए क्योकि बाइबिल में 40 दिन में कई आध्यात्मिक और अद्भुत कार्यो की चर्चा मिल सकती है इसलिए इसे ध्यान रखते हुए इसे भी चालीस दिन रखा गया है। अपने पापो से माफ़ी मांगने और आत्मिक शुद्धि के लिए ये दिनों का बहुत महत्व है इन दिनों ईसाई समुदाय के लोग एक टाइम रात में भोजन ग्रहण करते है और दिन भर उपवास रखते है।

इसके अलावा इस समयावधि में अपनी बुरी आदतों को पीछे छोड़कर, नये बदलाव के साथ, अपनी गलतियों के लिए प्रभु यीशु और अन्य बंधुओं से क्षमा मांगते हैं। यीशु के बताये मार्ग को अपनाते हैं। यीशु ने कहा है कि अपने पड़ोसियों को अपने समान प्यार करो। समाज मानता है कि मानवीय प्रेम हमें ईश्वरीय प्रेम से जोड़कर परमात्मा के दर्शन कराता है। इन दिनों वे किसी शादी ब्याह नहीं करते और न ही कोई शुभ काम करते है ये चालीस दिन ईस्टर के एक दिन पहले पड़ने वाले दिन साइलेंट सैटरडे पर समाप्त होता है।

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