नई दिल्ली : एमआईएम के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर आरएसएस का विरोध किया है। उन्होंने अपने उपर किए गए राजनीतिक हमलों का विरोध करते हुए कहा है कि वे हिंदू धर्म के विरूद्ध नहीं हैं। वे तो हिंदूत्ववादी ऐसी विचारधारा के विरूद्ध हैं जो घर वापसी के मसले को बढ़ाने का प्रयास करती है। उनके द्वारा भारत माता की जय के नारे का मसला उठाया गया है। इस मामले में सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वे हिंदू धर्म के विरूद्ध नहीं हैं बल्कि हिंदुत्व के विरूद्ध हैं। उन्होंने वीर सावरकर के साहित्य का हवाला देते हुए कहा कि उनकी पुस्तक में लिखा था वह आरएसएस द्वारा लागू किए जाने की योजना है। यदि भारत माता की जय के नारे लगाने की बात का मैं विरोध करता हूं तो मैं यह जानता था कि आरएसएस आखिर क्या चाहता है। ओवैसी द्वारा यह भी कहा गया कि वे हिंदूत्व के विरूद्ध हैं मगर हिंदू धर्म के विरूद्ध नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे तो एक वफादार भारतीय नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमान होने के कारण मेरे लिए दो पवित्र स्थल हैं। एक जहां पर अल्ला की इबादत की जाती है और दूसरी बात इससे जुड़ी है कि मैं इस देश का वफादार नागरिक हूॅं। उन्होंने कहा कि वे सऊदी अरब की इबादत की बात भी नहीं करते हैं।