नई दिल्ली : हाल ही में वन रैंक वन पेंशन को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली सामने आये है. उन्होंने अपनी बात रखते हुए यह बात साफ कर दी है कि OROP के अंतर्गत प्रतिवर्ष पेंशन समीक्षा की पूर्व फौजियों की मांग व्यावहारिक नहीं है. उंन्होने इसके साथ ही यह भी कहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा कम उम्र में रिटायर होने वाले फौजियों का ध्यान रखा जाने को लेकर अपना फर्ज निभाए जाने की स्वीकृति है. लेकिन यदि सरकार के द्वारा इसकी सालाना समीक्षा की शुरुआत की जाती है तो इससे अन्य वर्गों से भी ऐसी मांग उठनी शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही अन्य जानकारी में यह बात सामने आ रही है कि पूर्व फौजियों के संगठन सरकार के इस बयान को लेकर अपनी रणनीति बनाने में लग गए है. इसके साथ ही यह भी सुनने में आया है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहली बार इस बात पर स्वीकृति पेश की है कि पेंशन समीक्षा की अवधि ही दोनों पक्षों के बीच मतभेद का अहम कारण बनी है.