अर्जुन की छाल दिल सहित कई रोगो के लिए लाभकारी

एक वृक्ष जिसका नाम अर्जुन वृक्ष होता है उसकी छाल से बहुत सी  बीमारियो का इलाज़ हो सकता है  यह किसी भी पंसारी की दुकान से आराम से मिल जाता है. इसकी लगभग 15 प्रजातियां आती है जिसमे से सिर्फ एक ही हृदय को फायदा पहुचँचती है.

इसका डेढ़ चम्मच पाउडर को दो गिलास पानी में उबलने के लिए रखे गैस की आंच धीमी रखे तथा जब पानी आधा या पौना गिलास रह जाये तो गैस बंद कर दे और उसे किसी बड़े बर्तन में छान ले व ठंडा होने के लिए रख दे. और इस मिश्रण को सुबह , शाम एक -२ गिलास पीना चाहिए इससे बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल व हार्ट की रुकी धामनिया ठीक हो जाएगी.  

अर्जुन की छाल से हदय रोग में तो राहत मिलती है ही और साथ ही सफ़ेद पानी और योनी की दुर्गन्ध से भी छुटकारा मिलता है. इसके अतरिक्त यदि आप इसका दूध के साथ का सेवन करेंगे तो टूटी हड्डी जल्दी जुड़ती है.   इसकी छाल का क्वाथ पीने से मूत्र को रोकने के कारण हुई उदावर्त्त, गैस का उफपर की ओर चढनाद्ध मिटती है व मूत्राघात हो तो वह भी दूर होती है. विषैले कीटों के दंश पर इसकी छाल का लेप करने से जलन मिटती है. तिल के तेल में इसका चूर्ण मिलाकर कुल्ले करने से मुखपाक हटता है. इसके पत्तों का रस कान में डालने से कर्णशूल मिटता है. इसका क्वाथ पीने से ज्वर छूटता है.

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