क्या आपको भी आदत है उंगलिया चटकाने की

बैठे-बैठे या कुछ पढ़ते व लिखते वक्त आप अपनेआप उंगुलियों को फोड़ने या चटकाने लगते हैं कई लोग तो गर्दन की हड्डियां भी सुबह-सुबह उठकर चटकाते हैं. उंगुलियों के चटकने के बाद हाथों को काफी आराम मिलता है .

उंगलिया चटकाने के नुक्सान 

हमारी हडि्डयां लिगामेंट से एक दूसरे से जुड़ी होती हैं जिसे जोड़ कहते हैं. इन जोड़ों के बीच एक द्रव होता है जो उंगुलियों के चटकने के दौरान कम हो जाता है. ऐसे में बार-बार उंगुलियों के चटकने से जोड़ों की पकड़ कमजोर हो जाती है.  जिससे गठिया जैसे रोग हो जाते हैं. उंगलियों को चटकाने से जोड़ों के आसपास की मसल्स और हाथों को आराम मिलता है. इसलिए लोग लिखते-पढ़ते या ऑफिस व अन्य जगह में बैठे-बैठे ही उंगलियां चटकाने लगते हैं क्योंकि ऐसा करने से उन्हें आराम मिल जाता है.

3-इस आदत को रोकने के लिए ध्यान दें. जब भी आप पढ़ते या लिखने या काम करते वक्त ऐसा करते हैं तो उस वक्त खुद पर फोकस करें. अगर आप कभी गलती से उंगुलियां चटकाने लगते हैं तो तुरंत छोड़ दें.चाहे उंगुलियां कितनी भी दर्द दे रही हों.

4-उंगुलियां चटकाने से खुद को रोकने के लिए अपने हाथों को वयस्त रखें इससे आपके दिमाग का फोकस दूसरी तरफ जाएगा और कुछ ही दिनों में आपकी उंगुलियां चटकाने की आदत छूट जाएगी.

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