क्या आप भी है डिप्रेशन का शिकार

वैसे हर व्यक्ति कभी न कभी उदास और दुखी हो सकता है या अकेलापन महसूस कर सकता है, इसे डिप्रेशन नहीं कहेंगे. लेकिन यदि ऐसा लगे की एक गहरे अँधेरे कुए जैसी  स्थिति में फंस गए है जहाँ से निकलने का कोई रास्ता नहीं यानि आशा की कोई किरण नजर नहीं आती कि परिस्थिति कभी भी बदलेगी . और ऐसा लंबे समय यानि हफ़्तों ,महीनो या सालों तक हो जिसका कोई विशेष कारण भी नजर ना आये तो यह डिप्रेशन हो सकता है.

1-कैफीन , अल्कोहल , शक्कर युक्त पेय नुकसान देह साबित होंगे ये ना लें. पोष्टिक आहार तथा फल बादाम अखरोट तथा ओमेगा 3 फैटी एसिड वाली चीजें खाएं.

2-लोगों से कट कर रहना डिप्रेशन को बढ़ाता है. अकेले बिल्कुल ना रहें. अतः अपने दोस्तों से और परिवार वालों से मिलें उनसे बात करें. आमने सामने किसी से बात करना बहुत अच्छा होता है. सामने वाले के पास भले ही आपकी समस्या का समाधान ना हो , सामने वाला सिर्फ आपकी बात सुन ले इतना ही काफी होता है

3-प्रार्थना , पूजा आदि पर विश्वास रखें. आशावादी बने. हर बात के दो पहलू होते है. सकारात्मक पहलू पर भी जरूर गौर करें. एक्सपर्ट से सलाह मशविरा किया जा सकता है. एक्सपर्ट शांत और प्रसन्न रहना सिखा सकते है. नकारात्मक विचार को कैसे सकारात्मक विचार में बदले उनसे सीख सकते है. इससे गुस्सा , तोड़ फोड़ , सहयोग न करना जैसे भावनाएं भी कण्ट्रोल की जा सकती है.

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