प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर सरकार की नकेल

जयपुर : राज्य में निजी स्कूलों की मनमानी पर अब सरकार ने नकेल कस दी है। सरकार ने आदेश जारी करते हुये निजी स्कूलों से कहा है कि वे न तो अपने यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों से मनमाना शुल्क ही वसूल सकते है और न ही किसी निर्धारित दुकान से यूनिफार्म या किताबें आदि खरीदने के लिये दबाब बनाया जा सकता है।

सरकार ने साफ कहा है कि यदि शिकायत मिलती है तो संबंधित स्कूल की मान्यता समाप्त कर दी जायेगी। सरकार को यह शिकायत मिल रही थी कि कतिपय निजी स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों से मनमाना शुल्क वसूल रहे है तथा स्कूल प्रबंधन द्वारा निर्धारित दुकान से ही यूनिफार्म या किताबें इत्यादि खरीदने के लिये कहा जा रहा है।

लेकिन अब सरकार ने निजी स्कूलों के लिये विशेष निर्देश जारी कर दिये है। राज्य के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि निजी स्कूलों को सरकार के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। बताया गया है कि राज्य के कुछ स्कूलों द्वारा अपने ही परिसर में पुस्तकों और यूनिफार्म आदि को बेचा जाता है। सरकार ने कहा है कि कोई भी निजी स्कूल कम से कम पांच सालों तक यूनिफार्म नहीं बदल सकता।

भारत के पैरिस के रूप में भी पहचाना जाता है जयपुर को

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