अँधेरे को हराता है

सूरज सूर है बड़ा, जहाँ जहाँ जाता है अँधेरे को हराता है और जीती सीमा पर, उजाला फैलाता है उन्ही उन्ही जगहों पर, दिन होता जाता है चाँद चंद्रमा की तो बड़ी, निराली कहानी है दुनिया में एसा ना, कोई भी दानी है सूरज से रौशनी, वो उधार लेता है और प्रकाश दुनिया में, वो बाँट देता है जब उधार कम मिलता, तो वो घट जाता है जब उधार ज्यादा मिलता, तो वो बढ़ जाता है पूनम को खुशहाल है अमावास को कंगाल है तारे नन्हे नन्हे से तारे दिन भर खेलने के बाद,थके हारे बेचारे आसमान में जाकर ,नींद के मारे कभी पलक बंद करते, कभी जाग जाते है और हमको लगता है, कि वो टिमटिमाते है

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