अंदाज़ सबका पसंदीदा था

ग़ज़ल गाने का अंदाज़ सबका पसंदीदा था | हूज़ूर दिल तोड़ने वाला भी, लाखो में चुनिंदा था | बड़ी नज़ाकत थी उसके चेहरे की हर जुमबिश में, चाँद को छुने निकल पड़ा, मैं भी वो परिंदा था |

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