AltNews और ज़ुबैर में से झूठा कौन ? विदेशी फंडिंग को लेकर दोनों के अलग-अलग दावे

नई दिल्ली: विदेशी फंडिंग में फंसने के बाद अब AltNews ने डोनेशन को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है। लेकिन पोर्टल का ये स्पष्टीकरण काफी अस्पष्ट है और इसमें कई चीजों के जवाब नहीं दिए गए हैं। बयान में मीडिया संस्थान ने कहा है कि उस पर और उसकी पैरेंट कंपनी ‘Pravada Media’ पर बीते कुछ दिनों में कई इल्जाम लगे हैं। इसमें आगे कहा गया है कि इन आरोपों में बताया जा रहा है कि हमने विदेश से पैसा लिया है, जबकि हम ऐसा नहीं कर सकते।

इन आरोपों को ‘स्पष्टया झूठ’ करार देते हुए AltNews ने कहा कि जिस पेमेंट प्लेटफॉर्म के जरिए वो फंड प्राप्त करता रहा है, वो विदेशी डोनेशन की इजाजत देता ही नहीं है। इसके साथ ही उसने दावा किया कि उसे केवल भारतीय बैंकों के जारी ही डोनेशंस प्राप्त हुए हैं। मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा के मीडिया संस्थान ने कहा कि उन्हें जो भी फंडिंग मिली हैं, वो सीधे संस्था के बैंक अकाउंट में जाते हैं। साथ ही उसने किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत बैंक अकाउंट में डोनेशन के रुपए जाने के आरोपों को भी झूठा कहा है।

AltNews ने कहा कि जितने भी कर्मचारी संस्था से जुड़े हुए हैं, उन सभी को लेकर मासिक पारिश्रमिक उनके व्यक्तिगत बैंक अकाउंट में मिलते हैं और इसके अतिरिक्त कुछ नहीं। इसके साथ ही दावा किया है कि ये सब कुछ उसके द्वारा किए जाने वाले ‘गंभीर कार्यों’ को रोकने के लिए किया जा रहा है। साथ ही मीडिया संस्थान ने कहा कि हम इन कोशिशों से लड़ेंगे और पुनः शीर्ष पर पहुँचेंगे। हालाँकि, इस पूरे स्पष्टीकरण में कोर्ट में लगे आरोपों का भी जवाब नहीं दिया गया है।

प्रतीक सिन्हा ये तो कह रहा है कि AltNews के दान का कोई पैसा मोहम्मद जुबैर के पास नहीं गया और मीडिया संस्थान ने विदेशी डोनेशन लिया ही नहीं, मगर वो इस सवाल का उत्तर नहीं दे रहा है कि इन्होंने अपने Razorpay एकाउंट्स को क्यों डिएक्टिवेट किया है। क्या ऐसा कर के संसथान कुछ छिपाना चाह रहा है ? वहीं, जुबैर ने अदालत में सीरिया, पाकिस्तान आदि से मिलने वाली फंडिंग पर कहा है कि पैसा कंपनी के खाते में गया है। जबकि, संसथान के स्पष्टीकरण में कहा गया है कि, वह विदेशी फंडिंग नहीं लेते। अब ये कोर्ट को तय करना है कि ज़ुबैर या AltNews दोनों में से झूठ कौन बोल रहा है। 

पाकिस्तान में रहते हैं रिश्तेदार, यहाँ ISI का जासूस बन गया आफताब..., हुई 5 साल की जेल

अग्निवीरों को सर्विस पूरी होने के बाद भी मिलेगा मुफ्त इलाज, सरकार कर रही तैयारी

'अग्निपथ' पर सुनवाई के लिए राजी हुआ सुप्रीम कोर्ट, क्या केंद्र को वापस लेना पड़ेगा ?

 

Related News