कलाकारों के चयन को लेकर विरोध के स्वर, समिति सदस्यों पर लगे आरोप

उज्जैन : श्री महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा आयोजित किए जाने वाले श्रावण महोत्सव के लिए चयनित कलाकारों के मामले में विरोध के स्वर मुखर हो गए है। नगर के कुछ कलाकारों ने जहां चयन समिति के सदस्यों पर आरोप प्रत्यारोप लगाए हैं, वहीं चयन समिति के सदस्यों ने भी अपनी सफाई दी है। आरोप लगाया गया है कि चयन समिति ने ऐसे कलाकारों को मौका दे दिया है जो समिति सदस्यों के ही चेले है और वे कम प्रतिभाशाली भी है। हर बार की तरह इस बार भी महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की ओर से श्रावण महोत्सव का आयोजन 2 अगस्त से श्री महाकाल प्रवचन हाॅल में किया जाएगा। इस महोत्सव में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों का चयन कर सूची मंदिर प्रबंध समिति के पदेन अध्यक्ष एवं कलेक्टर कवीन्द्र कियावत को सौंपी थी, जिन्होंने हाल ही में कलाकारों के नामों पर स्वीकृति देते हुए सूची जारी की। लेकिन सूची जारी होते ही चयनित कलाकारों के मामले में भेदभाव के आरोप लगने प्रारंभ् हो गए है।

उज्जैन का नाम गौरवान्वित करने वाले सुप्रसिद्ध नृत्यगुरू पंडित हरिहरेष्वर पोद्दार का कहना है कि चयन समिति के सदस्यों ने पक्षपात करते हुए ऐसे कलाकारों को मौका दे दिया है जो न केवल समिति के सदस्यों के ही चेले है वहीं वे कम प्रतिभाशाली भी हैे। ऐसी स्थिति में नगर के प्रतिभाशाली कलाकारों को उपेक्षित किया गया है। पंडित पोद्दार ने इस मामले को कलेक्टर श्री कियावत को भी अवगत कराते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि प्रतिभाशाली कलाकारों को मंच प्रदान करने की दिशा में भेदभाव करने का अधिकार किसी को नहीं है।

गौरतलब है कि श्रावण महोत्सव के दौरान इस बार 18 कलाकारों के नाम चयनित किए गए है और इनके द्वारा बाबा महाकाल के आंगन में अलग-अलग विधाओं में प्रस्तुति दी जाएगी। कलाकारों के चयन संबंधी मामले में लगे आरोपों के जवाब में चयन समिति की एक सदस्य ने सिर्फ यही कहा कि समिति ने किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया है और जो प्रतिभाशाली कलाकार हैं उन्हें ही प्रस्तुति का मौका दिया गया है।

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