प्याज को खपाना सरकार का सिरदर्द बना

भोपाल : किसान आंदोलन से डरी एमपी की शिवराज सरकार के लिए प्याज खरीदी का मामला सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है.सारा प्रशासनिक अमला सरकारी कामकाज को एक तरफ रखकर प्याज खरीदी के साथ उसकी ढुलाई के लिए वाहन जुटाने में लगा हुआ है.आने-जाने वाले खाली ट्रकों का अधिग्रहण किया जा रहा है.

मिली जानकारी के अनुसार ऐसे अनधिकृत तरीके से अधिग्रहीत वाहनों से प्याज एक जिले से दूसरे जिले को भेजी जा रही है. इसके लिए ड्राइवरों को न तो प्रशासन अग्रिम दे रहा है, न ही उन्हें डीजल डलवाने के लिए रुपया . चुनाव कार्य की तरह निजी वाहनों का अधिग्रहण इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि कैबिनेट ने वाहन अधिग्रहण नहीं करने का फैसला किया है.

बता दें कि सरकार 8 रुपए किलो के भाव से समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदकर दो रुपए में बेच रही है. अब तक प्रदेशभर में 38 लाख 75 हजार क्विंटल प्याज खरीदी जा चुकी है. लगभग 200 करोड़ रुपए किसानों को भुगतान हो चुका है. खास बात यह है कि उम्मीद से ज्यादा प्याज आने के कारण सरकार के लिए प्याज को खपाना सिरदर्द बनता जा रहा है.इसी कारण सरकार अब मालवा और निमाड़ से खरीदी गई प्याज को गुजरात भेज रही है.

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