मुजरिम सभी सजा सिर्फ गाँधी परिवार को

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारतीय राजनीती में वंशवाद पसरा हुआ है, मगर जब भी इसकी बात आती है, सिर्फ कांग्रेस पार्टी और गाँधी परिवार को सजा दी जाती है. राहुल गाँधी का पार्टी अध्यक्ष बनना जहां पार्टी में नई उर्जा के संचार के रूप में देखा जा रहा है, वहीं  विपक्ष इसे एक बार फिर से वंशवाद का नाम दे रहा है. राहुल नेहरु-गाँधी परिवार की पांचवी पीड़ी से है, जो भारतीय राजनीती में सक्रिय है.

आइये हम आपको वंशवाद से ग्रस्त अन्य राजनितिक दलों से मिलवाते है. देश का सबसे बड़ा सियासी कुनबा मुलायम सिंह यादव का है, जहां दो दर्जन से ज्यादा लोग संसद से लेकर  पंचायत सचिव तक है. बिहार में लालू प्रसाद का वर्चस्व सभी जानते है. दक्षिण में करूणानिधि का पूरा परिवार. कश्मीर में अब्दुल्लाह और मुफ़्ती परिवार सक्रिय है.

महाराष्ट्र में ठाकरे ,और बीजेपी भी इस से अछुती नहीं है. बीजेपी में भी सिंधिया, रमण सिंह, गोपीनाथ मुण्डे,  और रविशंकर प्रसाद, प्रमोद महाजन, लालजी टंडन और बागी गाँधी परिवार के बड़े नेताओ ने अपने परिवार के लोगो को सक्रिय कर रखा है. इसे में पूरे देश की राजनीती में व्याप्त वंशवाद का ठीकरा सिर्फ कांग्रेस पार्टी पर क्यों फोड़ा जाता है,समझ से परे है. 

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