अलीगढ़ मर्डर केस में SHO समेत पांच पुलिसकर्मी हुए निलंबित

आप सभी जानते ही हैं कि इस समय अलीगढ में हुए रेप के मामले में लगातार खबरें आ रहीं हैं. ऐसे में तीन वर्ष की मासूम बच्ची की नृशंस हत्या के मामले में कथित लापरवाही बरतने के आरोप में टप्पल थाना प्रभारी सहित पांच पुलिसर्किमयों को निलंबित कर दिया है. जी हाँ, मिली जानकारी के मुताबिक़ बच्ची 30 मई को गायब हुई थी लेकिन मामला 31 मई को दर्ज किया गया. वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने मीडिया हाउस से बात की जिसमें उन्होंने बताया कि ''पुलिस क्षेत्राधिकारी पंकज श्रीवास्तव द्वारा की गयी जांच के आधार पर गुरुवार को निलंबन की कार्रवाई की गयी और मामले की आगे जांच के लिए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एवं एक महिला इंस्पेक्टर सहित छह सदस्यीय विशेष जांच टीम :एसआईटी: बनायी गयी है.''

इस मामले में कुलहरि ने बच्ची के पिता बनवारी लाल शर्मा से मुलाकात कर उन्हें समझाया बुझाया कि ''वह आमरण अनशन न करें ।'' इसके बाद शर्मा ने आमरण अनशन की धमकी दी थी और बच्ची के पिता की मांग है कि कथित हत्यारों के परिवार वालों को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ''उन्होंने पिता को आश्वासन दिया है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए तेजी से न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।'' इस मामले में दो गिरफ्तार आरोपियों जाहिद और असलम ने जुर्म कबूल कर लिया है और महज 12 हजार रुपये के लिए इस अपराध को अंजाम दिया गया. जी दरअसल यह रकम बच्ची के पिता ने उधार ली थी और वह उसे वापस नहीं कर पा रहे थे.

इस मामले में पुलिस को उसका क्षत-विक्षत शव दो जून को उसके घर के निकट ही कूड़े के पास मिला. खबरों के मुताबिक़ पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार की बात नहीं है और रिपोर्ट में बताया गया है कि गला घोंटने के कारण मौत हुई. रिपोर्ट में सामने आया है कि मौत का कारण दम घुटना, लेफ्ट चेस्ट पर पिटाई, सारी पसलियां टूटी हुई, बायें पैर में फ्रैक्चर, आंखों पर जख्म, सिर में चोट, सीधा हाथ कंधे की तरफ से कटा हुआ है, बहुत ज़्यादा पीटा गया है. इसके साथ ही बॉडी में कीड़े पड़ गए थे, जिससे हड्डी तक एक्सपोज़ हो रही है.

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