इस्लाम इतना कमजोर नहीं कि गीता पाठ करने से खारिज हो जाए

एक मुस्लिम बेटी का कृष्ण का वेश धारण कर गीता श्लोक सुनाना कुछ मुस्लिमों को गंवारा नहीं हुआ और उन्होंने उसके खिलाफ फतवा जारी कर दिया. लखनऊ समझौते के 101 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में मेरठ की आलिया खान ने कृष्ण वेश में गीता श्लोक सुनाए थे. अब फतवा जारी करने वालों को करारा जवाब देते हुए आलिया ने कहा है कि “इस्लाम इतना कमजोर नहीं कि किसी के गीता पाठ करने या कृष्ण जैसा परिधान धारण करने से वह उससे खारिज हो जाए.” आलिया ने कहा कि “कृपा करके मुझे अपनी राजनीति में न घसीटें.”

 

 

देवबंद के उलमा ने आलिया के इस कृत्य पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि “मुस्लिम बच्चों को इस तरह के कार्यक्रम में भागेदारी करने की इस्लाम इजाजत नहीं देता.”  आलिया के स्टेज परफॉर्मेस को लेकर दारुल -उलूम देवबंद के ऑनलाइन फतवा विभाग ने आलिया खान पर फतवा जारी कर उसे गैर- इस्लामी करार दे दिया है और फारुखी स्कूल प्रबंधन से भी इस तरह के कार्यक्रमों में मुस्लिम बच्चों को शामिल न करने की अपील की है. आलिया ने कहा हैं कि वह इस फतवे का डटकर मुकाबला करेगी. 

 

 

 कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक व विधानसभा अध्यक्ष तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस भी थे. आलिया खान के गीता पाठ के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनकी जमकर तारीफ करते हुए कहा था कि, “ मजहब के नाम पर बांटने वाले आलिया से सीखें. उसका मजहब इस्लाम है, लेकिन जिस लय के साथ गीता का गायन किया, वह सराहनीय है.” 

 

 

 

 

 

 

 

 

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