अकेला ही सही, आज़ाद तो हूँ। अलग ही सही, आबाद तो हूँ। झुंड के साथ तो सभी चलते है, दूसरोंकी राह पर भटके रहते है। खुदकी राहपे मैं चलूँ, सपने अपने मैं जिऊँ। यहाँ जो पाया वो मेरा, जो हारा वो भी प्यारा। इसी अनुभव का प्यासा हूँ, अलग ही सही, आबाद तो हूँ।