एक्टर नहीं डायरेक्टर बनना चाहते थे अजय देवगन

बॉलीवुड के सिंघम स्टार अजय देवगन का जन्म 2 अप्रैल, 1969 को हुआ. अजय भारतीय हिन्दी फिल्म उद्योग बॉलीवुड के एक जाने माने अभिनेता, फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं. उन्होने अपना फिल्मी सफर वर्ष 1999 की फिल्म "फूल और काँटे" से शुरु किया. सन 1999 मे उन्हे महेश भट्ट निर्देशित फिल्म "जख्म"और 2002 मे राजकुमार संतोषी निर्देशित फिल्म "द लेजेंड ऑफ भगत सिंह" के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त हुआ था.
बॉलीवुड के सिंघम स्टार अजय देवगन अपने दमदार अभिनय से लगभग दो दशक से दर्शकों के दिल पर राज कर रहे हैं लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि वे अभिनेता बनना ही नहीं चाहते थे. अजय देवगन हिन्दी फिल्म जगत में निर्देशक बनने का सपना लेकर आए थे. अजय देवगन का मूल नाम विशाल देवगन है. उनके पिता वीरू देवगन हिंदी फिल्मों के नामी स्टंट मैन थे. जबकि उनकी मां वीणा देवगन ने एक-दो फिल्मों का निर्माण किया था.
घर में फिल्मी माहौल के होने कारण अजय देवगन की रुचि भी फिल्मों की ओर हो गई और वह फिल्म निर्देशक बनने का सपना देखने लगे. उन्होंने स्नातक की पढ़ाई मुंबई के मीठी भाई कॉलेज से पूरी की. इसके बाद वह फिल्म निर्देशक शेखर कपूर के साथ सहायक निर्देशक के रूप में काम करने लगे.
इसी दौरान उनकी मुलाकात कुक्कु कोहली से हुई जो उन दिनों नई फिल्म "फूल और कांटे" के निर्माण में व्यस्त थे और एक ऐसे अभिनेता की तलाश में थे जो रूमानी भूमिका के साथ साथ एक्शन दृश्य भी कर सके. इस दौरान उन्होंने अजय देवगन के बारे में सुना कि वे एक्शन और नृत्य करने में माहिर हैं और उन्होंने उनसे फिल्म का नायक बनने की पेशकश की. 
अपनी पहली ही फिल्म की सफलता के बाद अजय देवगन दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए. इसके बाद अजय ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते गए. बता दे अजय ने वर्ष 1999 में बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल से शादी की थी. बता दे उन्होंने बॉलीवुड में कई हिट फिल्मे जैसे एक्शन जैकशन ,सिंघम ,सिंघम रिटर्न ,जान में बतौर अभिनेता के रूप में काम किया है.

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