बाल-बाल बचे पूर्व प्रधानमंत्री, हो सकता था बड़ा हादसा

नई दिल्ली : एयर इंडिया विमान में गड़बड़ियों के खबरे आम तौर पर देखने को मिलती है. बोइंग के ड्रीमलाइनर की गड़बड़ियों से अब वीवीआईपीज भी नहीं बच पाये है. पिछले दिनों पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एयर इंडिया के बोइंग-787 से अन्य यात्रियों के साथ अमृतसर से दिल्ली लौटे. इस प्लेन के सभी पहिए टेक ऑफ के बाद भी पूरी उड़ान के दौरान बाहर ही निकले रहे. सामान्यतः प्लेन के पहिये टेक ऑफ के बाद अपने आप फोल्ड हो जाते है.

लैंडिंग गियर में आई थी समस्या 

12 जुलाई को एयर इंडिया के नए ड्रीमलाइनर (VT-ANV) के लैंडिग गियर में ये परेशानी देखी गयी थी. पिछले हफ्ते ही एयर इंडिया के बेड़े में शामिल हुए इस नए प्लेन के पायलट ने महसूस किया कि टेक ऑफ के बाद विमान में कुछ गड़बड़ हुई. उन्होंने पाया कि प्लेन के पहिए अंदर की तरफ फोल्ड नहीं हो रहे है.

ईंधन के खपत पर होता है प्रभाव

पूरे घटनाक्रम में सीनियर पायलट्स ने जानकारी दी कि लैंडिंग गियर बाहर होने पर इस तरह के एयरक्राफ्ट को 20 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर उड़ान नहीं भरी जा सकती है. ऐसा करने पर कैबिन प्रेशर और तापमान सही से ढंग से मैंटेन नहीं किया जा सकता. इस वजह से फ्लाइट में बैठे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पहिए बाहर रहने से हवा से मिलने वाला प्रतिरोध भी बढ़ जाता है, जिसका प्रभाव सीधे-सीधे ईंधन की खपत पर देखा जाता है.

बड़ा हादसा होने की थी संभावना

लैंडिंग गियर में आई समस्या के बारे में एक सीनियर कमांडर का कहना है कि 'सामान्य हालात में ऐसी स्थिति पैदा होने पर प्लेन को जहाँ से उड़ान भरी थी वही लेकर जाना पड़ता है. मगर एयर इंडिया के कमांडर ने सफर ज्यादा लम्बा  नहीं होने की वजह से इसे दिल्ली तक ले जाने का फैसला किया. अमृतसर से दिल्ली की फ्लाइट 45 मिनट की है. प्लेन को दिल्ली तक ले जाने की वजह फ्यूल टैंक का बड़ा होना भी था ऐसे में समस्या आने की संभावना ना के बराबर हो जाती है. क्यूंकि प्लेन में 9 घंटे की उड़ान का ईंधन था.  इस तरह की दिक्कत लैंडिंग गियर को निकालते समय भी पेरशानी का सामना  करना पड़ सकता है. यदि लैंडिंग के समय  पहिए बाहर नहीं निकलते तो बड़ा हादसा होने की आशंका थी.

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