एयर इंडिया पायलट ने किया COFS का विरोध

नई दिल्ली : एयर इंडिया में इन दिनों तनातनी का दौर है। दरअसल एयर इंडिया के पायलट, अपनी चीफ आॅफ फ्लाईट सेफ्टी के पद पर की गई नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया की पहली महिला पायलट रह चुकी यह अधिकारी ऐसी हैं जिन्होंने कभी भी कोई एयरक्राफ्ट नहीं उड़ाया। वर्ष 1988 में एयर इंडिया में भर्ती करने के बाद महिला पायलट द्वारा मेडिकल टेस्ट को भी पास नहीं किया जा सका। मगर वह पायलटों को प्रशिक्षण देने वाली ग्राउंड इंस्ट्रक्टर बनने में कामयाब हो गईं। इसके बाद उन्होंने कैबिन क्रू इंचार्ज के पद तक का सफर तय किया।

मिली जानकारी के अनुसार एविएशन क्षेत्र की नियमित बाॅडी डीजीसीए द्वारा बीते माह एयर इंडिया के चीफ आॅफ एयरलाईंस सेफ्टी के पद को हटा दिया गया। बीते 6 माह के अंतर्गत कुछ फ्लाईट्स के रिकाॅर्डस संग्रहित न करने के चलते उस पर यह कार्रवाई हुई थी। एयर इंडिया को इस तरह के पद के लिए किसी अनुभवी व्यक्ति की आवश्यकता थी।

मामले में एयर इंडिया से जुड़े सेवानिवृत्त कर्मचारी ने कहा कि हालांकि इस महिला पायलट ने कभी प्लेन नहीं चलाया लेकिन इसके पास कमर्शियल पायलट का लाईसेंस है। इसके पास इस जाॅब को पूरा करने संबंधी अहर्ताओं को पूर्ण करने की काबिलियत है। इसलिए इसकी नियुक्ति को गलत नहीं ठहराया जा सकता। 

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