ये मुसलमान कभी नहीं कर सकते हज यात्रा

दुनिया भर के लाखों मुसलमान हज के लिए हर साल सऊदी अरब पहुंचते है. पांच दिनों तक चलने वाली इस हज यात्रा की शुरुआत इस साल 19 अगस्त से हुई थी. बता दें कि इस्लाम में सऊदी अरब के मक्का शहर में काबा को सबसे पवित्र स्थल माना जाता है. इस्लाम का यह प्राचीन धार्मिक अनुष्ठान दुनिया के मुसलमानों के लिए काफ़ी अहम है. इस्लाम के सभी अनुयायी ख़ुद को मुसलमान कहते हैं लेकिन इस्लामिक क़ानून (फ़िक़ह) और इस्लामिक इतिहास की अपनी-अपनी समझ के आधार पर मुसलमान कई पंथों या फ़िरक़ों में बंटे हुए हैं. इन्हीं में से एक हैं अहमदिया.

अहमदिया मुसलमानों की जो मान्यता है, उस वजह से दूसरे मुसलमान अहमदिया को मुसलमान नहीं मानते और सऊदी अरब ने उनके हज करने पर रोक भी लगा रखी है. ये मुस्लमान कभी भी हज के यात्रा नहीं करते हैं. बता दें कि अगर ये हज करने के लिए मक्का पहुँचते हैं तो उनके गिरफ़्तार होने और डिपोर्ट होने का ख़तरा रहता है. हाल ही में एक ऐसे शख्स को पकड़ा गया था जो अहमदिया था और वह हज की यात्रा करने जा रहा था. 

पकड़े गए अहमदिया मुस्लमान ने बताया कि हर समय आपके दिमाग़ में ये तो रहता ही है कि हज पर जाने में ख़तरा है. लेकिन जब आप हज के लिए जा रहे हैं तो ये भी खुशी होती है कि अल्लाह के लिए वहाँ जा रहे हैं. आप को अल्लाह का भी साथ मिलता है कि वो तो जानते हैं कि मैं मुसलमान हूँ. ब्रिटेन की मैनचेस्टर स्थित दारुल उलूम मस्जिद के इमाम मोहम्मद कहते हैं, "कुछ देशों और संगठनों ने हमें ग़ैर मुसलमान घोषित किया है. ये उनकी राय है. इस वजह से ये थोड़ा पेचीदा हो जाता है. अहमदिया के लिए हज करना काफी मुश्किल होता है. इसलिए जब वो हज के लिए जाते हैं तो ज़्यादा चौकन्ना रहते हैं.

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