दो अश्क मेरी याद में बहा जाते तो क्या जाता, चन्द कालियां लाश पे बिछा जाते तो क्या जाता । आये हो मेरी मय्यत पर सनम नक़ाब ओढ़ कर तुम, अगर ये चांद का टुकडा दिखा जाते तो क्या जाता ।