कंही पुखराज रत्न धारण करने के बाद आपको इससे नुकसान तो नहीं हो रहा?

आमतौर पर हर इंसान के साथ कोई न कोई परेशानी चलती ही रहती है कुछ लोग इन परेशानी का डट कर सामना करते हैं, तो कोई इन परेशानी से डर कर ज्योतिष विद्या का सहारा लेने लगते हैं। ताकि जो परेशानी उन्हे परेशान कर रही है उसका समाधान जल्द से जल्द हो जाए। अधिकतर देखा गया है की लोग अपने ऊपर आयी परेशानीयों से बचने के लिए तरह तरह के रत्न धारण करने लग जाते हैं। इनमें से एक रत्न पुखराज भी है जो की देखा जाए तो काफी फायदेमंद होता है। लेकिन अगर इसे गलत तरीके से धारण किया जाए तो इसका आपको भारी नुकसान भी होगा।

लड़की का विवाह न होने, लड़का न होने, पढाई व गुरु गृह के लिए पुखराज रत्न धारण करवा देते है लेकिन अनेक बार पुखराज रत्न व्यक्ति मे अपेंडिक्स, हार्निया, मोटापा, पीलिया, आंत मे इन्फेक्शन, गैस संबधित बीमारी व अहंकार मे वृद्धि कर परिवारिक, सामाजिक रिश्तो मे कड़वाहट ला देता है। इसलिए जरूरी है कि रत्न को धारण करते हुए पंत्री का अध्ययन अवश्य करवा लें ताकि आपकी विशिष्टताओं के अनुसार रत्न का चयन हो सके।

पुखराज रत्न ब्रहस्पति गृह का रत्न है! कुंडली में गुरु गृह कमजोर होने पर यह धारण किया जाता है। कुछ ज्योतिषी, प्रशासनिक अधिकारियों, वकीलों, न्यायाधीशों, नेता, पढाई, अविवाहित स्त्री पुरुष व संतान के लिए भी इसे धारण करा देते है,  परंतु यदि गुरु जन्मपत्री मे छठे, आठवें तथा 12वें भावों का स्वामी है या नीच/मारकेश है तो पुखराज धारण करने से परेशानी होती है।  जैसे क़ानूनी परेशानी, संतान को कष्ट, शारीरिक परेशानी, वैवाहिक,घरेलू क्लेश। सही समय पर सही रत्न धारण करने से काफी लाभ होता है, लेकिन गलत रत्न धारण करने से जीवन मे विपत्ति बढ़ सकती है।

 

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