भूकंप के बाद रेड लाइट एरिया हो गया सूना

पुणे : कहते हैं, कि पुणे महाराष्ट्र की संस्कृति के लिए जाना जाता है, कहा जाता है कि मुंबई की चकाचौंध से दूर पुणे में संस्कृति के दर्शन होते हैं, मगर इन सबके बीच यहां एक अलग जिंदगी के दर्शन भी होते हैं। यह ऐसा जीवन है जहां शाम होते ही सजावट का नज़ारा बिखर जाता है। यहां की शाम और रात रंगीन किस्म की होती है। हालांकि इस राज्य के लोग भी बेहद अच्छे हैं लेकिन बुधवार पेठ के दर्द को चाहकर भी कम नहीं किया जा सका है। अब तो बुधवार पेठ वहां की खासियत बन गया है। हां, वहां जाने वाले समाज की नजरों से बचकर वहां की रंगीन शाम का लुत्फ लेने में लगे रहते हैं।

मगर नेपाल में आने वाले भूकंप के बाद से यहां सन्नाटा पसरा पड़ा रहता है। दरअसल यहां की रौनक ही फीकी पड़ गई है। यहां बड़े पैमाने पर नेपाली महिलाऐं सेक्स वर्कर के तौर पर काम करती हैं। मगर इनमें से अधिकांश महिलाऐं अपने घर गईं और भूकंप की चपेट में आ गईं। जिसके बाद नेपाली महिलाऐं कम ही बची हैं।

हालांकि नेपाली महिलाओं की गैर मौजूदगी लोगों को अटपटी नहीं लगती। इसी सड़क पर काम करने वाली एक लड़की ने कहा कि अपने घर नहीं गई क्योंकि वह बीते 15 वर्ष से घर ही नहीं गई। उसका अब कोई नहीं है।

यहां की एक गंदी ईमारत में रहने वाली 2 नेपाली महिलाऐं यह कहती है कि हम गर्मी में घर जाते थे, मगर इस बार नहीं गए क्योंकि घर है ही नहीं, नेपाल में आए भूकंप ने सबकुछ तबाह कर दिया। कुछ लोग जो बचे हैं उन्हें मुआवज़े का इंतजार है। सेक्स वर्कर बताती है कि वहां सरकार से मिलने वाले मुआवजे के इंतजार में ठहरे हैं। मुआवजा मिलने के बाद अपना घर बनाकर यहां वापस आ जाऐंगे।

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