हार के बाद भाजपा में मंथन शुरू

नई दिल्ली : गोरखपुर-फूलपुर के बाद कैराना में भी विपक्षी एकता के सामने हारी भाजपा में विचार -विमर्श का दौर शुरू हो गया है .इसमें जनसंपर्क अभियान तेज करने के साथ ही मतदान फीसद बढ़ाने के लिए बूथ प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा.10 विधानसभा और चार संसदीय सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने भाजपा को सोचने और विपक्षी एकता का तोड़ खोजने को मजबूर कर दिया है .

बता दें कि कल गुरुवार को आए नतीजों में भी भाजपा तीन संसदीय और विधानसभा सीटें गंवाने और खासकर कैराना की हार ने विपक्षी एकता को बल मिलने से भाजपा की पेशानी पर बल पड़ गए हैं. हालाँकि भाजपा अब भी यह मानने को तैयार नहीं है कि विपक्षी एकजुटता आकार ले पाएगी. लेकिन इन हारों ने विशेष प्रबंध करने को विवश कर दिया है.भाजपा को अपने समर्थकों में मतदान को लेकर उत्साह की कमी की चिंता खाए जा रही है.कैराना में मतदान प्रतिशत कम रहा. पुनर्मतदान के बाद 62 फीसद ही मतदान हुआ.

उल्लेखनीय है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 50 फीसद वोट की तैयारी करने की बात कर रहे हैं. 2014 के बाद से अधिकतर राज्यों में बूथ प्रबंधन और पन्ना प्रमुखों की रणनीति में सफल रहे लेकिन पिछले कुछ चुनावों में वह कमजोर रहा .वैसे भाजपा ने पहले ही केंद्र सरकार की सात योजनाओं को घर-घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया है. इसी बहाने उन 22 करोड़ परिवारों के बीच भाजपा के लिए सद्भावना बढ़ेगी जो वंचित है .समर्थकों से भी संवाद कर समझाइश दी जाएगी ताकि मतदान का प्रतिशत बढ़ाया जा सके .

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