जाट आरक्षणः सरकार के आश्वासन के बाद धीमा पड़ा आंदोलन

चंडीगढ़ : केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार से आश्वासन मिलने के बाद जाट आंदोलनकारी अपने घरों को वापस लौटने लगे है। सोनीपत और जींद जिले में प्रदर्शनकारी रविवार की शाम को ही लौट गए। 8 दिनों के आंदोलन में राज्यभर में कुल 191 एफआईआर, 150 से भी अधिक गिरफ्तारियाँ हुई। साथ ही रिपोर्ट के अनुसार इन 8 दिनों में कुल 20 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है।

हरियाणा के गृह विभाग के मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि दिल्ली-जयपुर हाइवे और एनएच-10 अब भी बंद है। देर रात इसे खोले जाने की खबर है। कई रेलवे ट्रैक भी बंद है। जाट समाज समेत 36 बिरादरी के लोगों ने नारनौंद थाने में शांति कायम करने के लिए पंचायत की 51 सदस्यों की कमेटी बनाई गई। हरियाणा में इस आंदोलन के दौरान 78 घर जलकर खाक हो गए।

10 पुलिस चौकी के अलावा कई रेलवे थानों को भी आग में झोंका गया। दिल्ली का सम्पर्क राजस्थान, पंजाब व हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों से कट गया। रोहतक के सांसद दीपेंदर हुड्डा का कहना है कि इस मामले में बिना देर किए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को सीधे हस्तक्षेप करना चाहिए। जवानों की संख्या बढ़ाकर तीन गुना कर दी गई। आपातकाल में आर्मी के जवानों को हेलीकॉप्टर के जरिए एयरलिफ्ट किया गया।

इस दौरान कुल 12 लोगों की जानों गई, तो 150 से अधिक लोग घायल हुए। गुडग़ांव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सह प्रांत संचालक पवन जिंदल ने कहा है कि सद्भाव और सार्थक बात से ही बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है। उन्होंने आंदोलनकारियों से संयम और प्रेम भाव का परिचय देने अपील की।

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