इस्लामिक कानून के हिसाब से सर कलम करना जायज हैः अफशा जबीं

हैदराबाद: किसी महिला के मुँह से ये बातें सुनकर आप हैरान हो जाएँगे। पर आईएस की देश में एकमात्र रिक्रूटर  महिला अफशां जबीं ऐसी महिला है जो आईएस के लिए लड़के-लड़कियों की भर्तियाँ करती थी और अब वो इस्लाम का पाठ पढ़ा रही है। उनका मानना है कि इस्लामिक कानून के तहत आईएस द्वारा किया गया शिया सैनिकों का सर कलम जायज है।

जहाँ एक ओर पूरी दुनिया इस आतंकी संगठन से खौफ खा रही है, तो वहीं जबीं का मानना है कि एक दिन दुनिया पर खलीफा का राज होगा। सुरक्षा एजेंसियों से पूछताछ के दौरान इस कट्टर पंथी विचार धारा वाली महिला ने बताया कि जब आईएस का सरगना अबु बकर अल बगदादी ने सीरिया व इराक में खुद को खलीफा घोषित किया था, तब उसे बेहद खुशी हुई थी।  

आपको बता दें कि जबीं को सउदी में गिरफ्तार कर, पति व बच्चों समेत भारत डिपोर्ट किया गया, जहाँ इसे भारतीय पुलिस द्वारा हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया। 37 वर्षीय यह महिला सोशल साइट्स पर निक्की जोसेफ उर्फ आयशा उर्फ निकोल के नाम से मौजूद है और ये वहीं से युवाओं की भर्ती करती थी। पिछले दिनों सलमान मोइनुद्दीन नाम का एक शख्स उस समय भारतीय पुलिस के हत्थे चढ़ा था जब वो दुबई और टर्की के रास्ते सीरिया जा रहा था। पूछताछ के दैरान उसने जबीं का नाम लिया। गिरफ्तारी के बाद जबीं ने खुद को ब्रिटिशर बताया पर बाद में जाँच में उसके भारतीय होने का सच सामने आया।

इसके बाद इस महिला व सलमान ने कई युवाओं का आईएस में भर्ती के लिए ब्रेन वॉश किया था।

 

Related News