मोदी के बयान से अफगानिस्तान को मिलेगी मदद

विश्व के सबसे ताकतवर देश माने जाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति भी मोदी के मुरीद मालूम पड़ते हैं. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि, अमेरिका सेना अफ़ग़ानिस्तान  में अपने 1000 सैनिक और भेज सकती हैं. गौरतलब है कि,  अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के 14000 सैनिक पहले से ही स्थित हैं. ऐसे में जवानों की संख्या में और इजाफ़ा करना, तालिबान के खिलाफ अमेरिका के रवैये को स्पष्ट करता है.   आपको बता दें कि,  डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता संभालने से पहले अफगानिस्तान में तैनात सैनिकों की संख्या 8500 थी, जिसे सत्ता में आने के बाद उन्होंने बढ़ाकर 14000 करने का निर्णय लिया था. ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हुई मीटिंग के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि, " अमेरिका ने अफगानिस्तान के लिए काफी कुछ किया है, वो भी तब जब अफ़ग़ानिस्तान के पास उसे देने को कुछ नहीं हैं ". अधिकारी ने कहा कि ट्रंप ने मोदी के इस बयान को गंभीरता से लिया. इस बयान से ट्रंप को पता चला कि, दुनिया अमेरिका को कैसे देखती है.

अधिकारीयों की मानें तो सैनिकों की संख्या बढ़ाने से अफ़ग़ान मिलेट्री फाॅर्स को तालिबान के खिलाफ जंग में मदद मिलेगी और हो सकता है कि, अफ़ग़ानिस्तान जल्द ही देश के उन हिस्सों को आज़ाद भी करा ले जो तालिबान के कब्जे में है. आपको बता दें कि, फ़िलहाल अफ़ग़ान सरकार के कब्जे में देश का सिर्फ दो तिहाई हिस्सा ही है, बाकी के ऊपर तालिबान के अपना कब्ज़ा जमा रखा है.

अब देखना ये है कि, अमरीकी सेना तालिबान का सामना करने में अफ़ग़ानिस्तान की किस तरह मदद करती है, और तालिबान इसका जवाब कैसे देता है.

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