अफगान में हुआ भारी विस्फोट 50 से अधिक लोगों की हुई मौत

अफगान की राजधानी काबुल के शिया बहुल पश्चिमी भाग में शनिवार (8 मई) को एक स्कूल के नजदीक हुए बम धमाके में कम से कम 55 लोगों की जान चली गई है और 150 से अधिक जख्मी हो गए, जिनमें अधिकतर महिलाएं शामिल हैं। तालिबान ने नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए हमले की निंदा की है और इसमें अपना हाथ होने से मना किया है। आंतरिक विभाग के प्रवक्ता तारिक अरियान ने कहा कि शिया बहुल दस्त-ए-बारची इलाके में स्थित सैयद अल-शाहदा स्कूल के नजदीक हुए धमाके के स्थान से एंबुलेंस के जरिये जख्मियों को निकाला गया।

तीन धमाके होने की बात कही जा रही है: जंहा इस बात का पता चला है कि क्षेत्र के निवासियों ने कहा कि धमाका बहुत भीषण था। निवासी नसीर रहीमी ने बोला कि उन्होंने तीन अलग-अलग धमाकों की आवाज सुनने को मिली। हालांकि, इस दावे के बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई। रहीमी ने बोला कि धमाके की तीव्रता को देखते हुए मृतक संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने बोला कि धमाका स्थानीय समयानुसार शाम तकरीबन 4:30 बजे हुआ और उस वक़्त लड़कियां स्कूल से निकल रही थीं। विस्फोट में जख्मी हुई 15 वर्षीय छात्रा जाहरा ने कहा, 'मैं अपनी सहपाठियों के साथ थी और हम स्कूल से निकल रहे थे, तभी एक जबरदस्त धमाका हुआ। 10 मिनट बाद फिर से धमाका हुआ और चंद मिनट बाद एक और धमाका हुआ।'

हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली: मिली जानकारी के अनुसार तत्काल हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन पूर्व में इसी शिया बहुल क्षेत्र में हुए हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने अपने हाथ लेली है। चरमपंथी सुन्नी मुस्लिम समूह ने अफगान में अल्पसंख्यक शिया मुस्लिमों के विरुद्ध युद्ध का एलान कर दिया है, अमेरिका ने पिछले साल प्रसूति अस्पताल पर हुए हमले के लिए इस्लामिक स्टेट को जिम्मेदार ठहराया था, जिसमें कई गर्भवती महिलाओं और नवजातों की जान चली गई है।

 

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