गांधी जयंती पर राष्ट्रपति ने अहिंसा के मार्ग पर चलने का किया आह्वान

नई दिल्ली : भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को जनता से महात्मा गांधी द्वारा दिखाए गए अहिंसा, शांति और सहिष्णुता के मार्ग का पालन करने का आह्वान किया। गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि गांधी जी ने जो आदर्श दिये वे देश की सामूहिक विरासत का जीवंत हिस्सा हैं और यह वर्तमान की मौजूदा चुनौतियों से लड़ने में राह दिखाएगा और एक मजबूत और उदियमान भारत के निर्माण में मदद करेगा।

साथ ही प्रणब मुखर्जी ने महात्मा गांधी को दुर्लभ दूरदृष्टि वाला असाधारण क्रांतिकारी बताया और उनके निधन पर पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा कहे गये शब्दों की याद दिलाई कि रोशनी चली गई है फिर भी यह हजारों साल तक चमकती रहेगी। मुखर्जी ने कहा कि गांधी जयंती एक ऐसा दिन है, जब हमें बापू के अहिंसा, शांति और सहिष्णुता के आदर्श के प्रति पुन: समर्पित होना चाहिए। मुखर्जी ने कहा कि यह विरासत उनकी समानता के आदर्श से गहरे गुंथी हुई है। यह विविधता हमारी बहुलता वाली संस्कृति, हमारी कई भाषाओं, धर्मों’ और अलग-अलग जीवन पद्धतियों का उत्सव है। यही वह विचार है जिसने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले लोगों को आंदोलित किया।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि लोकतंत्र के प्रति हमारी गहरी और अभिन्न आस्था इसी विचार से निकली है। हम आज भी इन्हीं आदर्शों से प्रेरित हो रहे हैं। हम इन आदर्शों के प्रति सिर्फ इसलिए प्रतिबद्ध नहीं हैं कि ये हमारे अतीत हैं बल्कि इसलिए हैं कि ये हमारे भविष्य हैं। उन्होंने इस मौके पर लोगों से अपील की कि वे महात्मा गांधी की बहुमूल्य शिक्षाओं को ग्रहण करें और इन्हें अपने कायो’ में उतारें। उनकी दृष्टि हमें मौजूदा चुनौतियों से लड़ने में राह दिखाये और हमें एक मजबूत और उदीयमान भारत को बनाने में मदद करे।

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