कत्था खाने के लाभ एवं नुक्सान

लाल रंग का कत्था तो आप सभी ने देखा या खाया होगा. यह अक्सर पान में इस्तेमाल होता है. लेकिन इसके अलावा कत्थे की एक और प्रजाति‍ होती है जिसे सफेद कत्थे के रूप में जाना जाता है. इसे औषधि‍ के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.

लाभ: बवासीर रोग में सफेद कत्थे का प्रयोग उपचार के तौर पर किया जाता है. इसक प्रयोग बड़ी सुपारी और नीला थोथा के साथ भूनकर किया जाता है. मक्खन के साथ तांबे के बर्तन में मिलाकर संबंधित स्थान पर लगाने से फायदा होता है. सांस संबंधी समस्याओं के लिए भी कत्था बहुत अच्छी औषधि है. इसे हल्दी और शहद के साथ मिलाकर दिन में दो से चार बार एक चम्मच की मात्रा में लेने से काफी लाभ होता है. 

नुक्सान: गर्भवती स्त्रियों को कत्थे का सेवन नहीं करना चाहिए, और पुरुषों में इसका अत्यधिक सेवन नपुंसकता का कारण बन सकता है. इसके अलावा कत्‍थे के अधिक सेवन से किडनी स्टोन भी हो सकता है. इसलिये कत्‍थे का चूर्ण 1 से 3 ग्राम तक ही प्रयोग करें.

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