अधूरी शाम लगती है

अधूरी है इबादत या,अधूरी बन्दगी मेरी..!!  "ग़ज़ल" अधूरी है ग़ज़ल मेरी,  अधूरी शायरी मेरी..!  अधूरा है मिलन मेरा,अधूरी जिंदगी मेरी..!! अधूरा हूँ अभी शायर,  अधूरी है मेरी मंजिल,  अधूरी है इबादत या,अधूरी बन्दगी मेरी..!! अधूरापन बहुत खलता,  अधूरी शाम लगती है,  अधूरी प्यास है मेरी,अधूरी मैक़शी मेरी..!! अधूरी रात है मेरी,  अधूरी नींद है मेरी,  अधूरे ख्वाब हैं मेरे,अधूरी हर खुशी मेरी..!! अधूरा है अभी "वीरान" की हस्ती अधूरी है,  अधूरा हूँ तुम्हारे बिन,अधूरी तिश्नगी मेरी..!!

Related News