जो रिश्ते हैं हक़ीक़त में वो अब रिश्ते नहीं होते हमें जो लगते हैं अपने वही अपने नहीं होते कशिश होती है कुछ फूलों में,पर ख़ुशबू नहीं होती ये अच्छी सूरतों वाले सभी अच्छे नहीं होते