जब हो जाए बहुत अधिक शत्रु तो अपनाएं आचार्य चाणक्य की यह नीतिया

आचार्य चाणक्य ने बहुत सी बातें बताई हैं जो अगर व्यक्ति अपने जीवन में इस्तेमाल कर लें तो उसका जीवन आसान हो सकता है. जी हाँ, आचार्य चाणक्य की नीतियां अपनाने से आप अपने जीवन में कभी भी किसी भी बड़ी दुविधा में नहीं फंसेंगे और आप आगे निकलते चले जाएंगे. अगर आप अपने जीवन में किसी बड़ी समस्या में फंस गए हैं तो चाणक्य नीति द्वारा निकल सकते है. जी हाँ, आचार्य चाणक्य ने जीवन के हर पहलू पर अपनी नीति दी है फिर चाहे वह स्वास्थ्य से संबंधित हो या शिक्षा, मित्र, बिजनेस, आचार-विचार सभी से. ऐसे में अगर आपको अपने शत्रुओं से निपटना है तो इस विषय में भी चाणक्य की नीति अपनाई जा सकती है. जी हाँ, पहले तो आपको बता दें कि चाणक्य की चाणक्य नीति पुस्तक में दुश्मन को परास्त करने का भी वर्णन मिलता है और इसी के साथ चाणक्य के अनुसार शत्रु को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं जब आपके खूब शत्रु हो जाए तो आपको क्या करना चाहिए. 

1. आचार्य चाणक्य के अनुसार अपने शत्रु से एक खिलाड़ी की तरह निपटना चाहिए.

2. आचार्य चाणक्य ने बताया है शत्रुओं से घिरे होने पर घबराना नहीं चाहिए और हर वक्त सतर्क रहना चाहिए.

3. आचार्य चाणक्य के मुताबिक शत्रु से घिरे होने पर भागना नहीं चाहिए क्योंकि इससे आपकी शक्ति क्षीण हो सकती है.

4. आचार्य चाणक्य के मुताबिक अगर शत्रु आपके समान बलशाली है तो उसे विनय पूर्वक पराजित किया जा सकता है.

5. आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर शत्रु अधिक बलशाली है तो उसे उसी की तरह व्यवहार करके पराजित किया जा सकता है.

6. आचार्य चाणक्य के अनुसार शत्रु के बारे में पूर्ण जानकारी हासिल कर लेने से आप अपने शत्रु पर 75 प्रतिशत जीत हासिल कर लेते हैं इसी के साथ बड़ी आसानी से मात दे सकते हैं.

7. आचार्य चाणक्य के अनुसार सतर्क होने से आप शत्रु की हर गतिविधि पर अपनी नजर रख सकते हैं और शत्रु पर पहला प्रहार स्वयं नहीं करना चाहिए उसके प्रहार का इंतजार करना चाहिए.

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