ACB टीम कर रही है अपने ही मुखिया के विरुद्ध जांच

नई दिल्ली : दिल्ली की नौकरशाही में किस बात को लेकर बवाल मच जाए ये बताना संभव नहीं है. मुख्यमंत्री के सचिव राजेंद्र कुमार और गृह विभाग के प्रमुख सचिव धर्मपाल के बीच विवाद कुछ विराम ही लिया था कि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के प्रमुख मुकेश कुमार मीणा (आईपीएस) और उनके एक स्तर नीचे एसीबी के सहायक आयुक्त एसएस यादव (आईपीएस) के बीच कसाकसी चल रही है. यादव के साथ दिल्ली सरकार खुल कर समर्थन में आ गयी है. 

सरकार ने मजबूती से दावा किया है कि मीणा की नियुक्ति वैधानिक नहीं है और वे अदालत के माध्यम से इस नियुक्ति को रद्द करवाकर ही मानेगे. वहीं मीणा के विरोध में पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में 20 लाख के पदो की खरीद और हवाला मसले की शिकायत पर एसएस यादव ने शनिवार को यह स्पष्ट कर दिया कि मीणा के खिलाफ आईं दोनों शिकायतें बेहद गंभीर हैं, एसीबी की टीम इस मामले में जांच कर रही है.

वही, मुकेश कुमार मीणा के पीछे उपराज्यपाल कार्यालय से लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय तक हर कोई समर्थन करते दिखाई दे रहा है. मीणा ने एसएस यादव के बारे में आत्महत्या करने की धमकी देने के आरोप वाला जो पत्र पुलिस आयुक्त आदि को भेजा है वह भी बहुत अहम नहीं है. पुलिस की नजर में यह मामला सीधे-सीधे अनुशासनहीनता की श्रेणी के अंतर्गत आता है.

इस मामले की जांच के लिए पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की है. इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सचिव और उनके सबसे करीबी अधिकारी राजेंद कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच मुकेश कुमार मीणा द्वारा प्रारम्भ की जा चुकी है.

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