अपराजिता एक बेल होती है. जिसके नीले और सफ़ेद रंग के बहुत सूंदर फूल लगते है . ये पानी वाली इलाकों में पाई जाती है.काली पूजा में इसका उपयोग विशेष रूप से किया जाता है , बारिश के समय इसकी बेल फूलों से लगी रहती है. दमे में इसकी जड़ का शरबत बना कर पीने से लाभ होता है. पीलिया में इसकी जड़ का चूर्ण एक चमच की मात्रा में मठ्ठे की साथ पीने से पीलिया खत्म हो जाता है. सफ़ेद फूल वाली अपराजिता की पांच ग्राम चाल या पत्तों को एक ग्राम जड़ के साथ बकरी के दूध में पीस कर और छान कर शहद मिला कर कुछ दिनों तक सुबह शाम पीने से गिरता हुआ गर्ग ठहर जाता है. और कोई पीड़ा नहीं होती है. गंठिया की समस्या में आधा चम्मच, सूखे जड़ के चूर्ण को दूध में दो तीन बार पीने से लाभ मिलता है.