पाञ्जन्य में फूंका अभिषेक मनु सिंघवी ने शंख

नई दिल्ली : जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर चलाया गया मामला राजद्रोह का मामला नहीं है मगर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और अन्य संगठन इस प्रकरण में यह बात शामिल कर रहे हैं कि यह राष्ट्रवाद का मसला है। दरअसल राष्ट्रवाद कोई थीसिस नहीं है जिसे आप लोगों के बीच बांट देे। राष्ट्रवाद की भावना दिल से और लोगों की आत्मा से आना चाहिए। यह सभी को साथ लेकर चलने से ही विकसित होता है।

दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी का यह लेख प्रकाशित हुआ है आॅर्गनाईजर और पाञ्जन्य में। दरअसल ये दोनों ही समाचारपत्र राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के हैं लेकिन इसके संपादक प्रफुल्ल केतकर और उनके प्रबंधन दल ने यह अनुभव किया कि जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी किए जाने के मामले में दोनों ही पक्षों के विचारों को समानता के साथ स्थान दिया जाना चाहिए।

जिसके चलते दोनों समाचार पत्रों के लिए दोनों पक्षों से लेख आमंत्रित किए गए। इन समाचारपत्रों में तरूण विजय, केसी त्यागी, प्रभु चावला, आलोक मेहता के लेख प्रकाशित किए गए तो अब सांसद मीनाक्षी लेखी और कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने लेख लिखे हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने कांग्रेस सदस्य के संघ समर्थक प्रकाशन में लिखने के औचित्य को जायज ठहराया है। उन्होंने लिखा कि यह भी अभिव्यक्ति की आजादी ही है। यही नहीं उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद की आवाज आत्मा से आना चाहिए। यह तो सभी को साथ लेकर चलने से आ सकता है। 

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