जब-जब गुज़रा हूं, तेरी गली से ; गहरी नफरत से, तूने मुंह फेरा है ; रंज-ओ-गम नहीँ,सुकून-ओ-अहसास है, कि तेरे दिल मेँ, अभी मेरा दिल ज़िंदा है.