अब तो कोई फ़साना लगता है

तुमसे मिलकर तुम्हें भूलना मुश्किल है आसान नहीं दीवाने दिल को समझना मुश्किल है आसान नहीं  हर रास्ता हर मंजर अब तो कोई फ़साना लगता है जब से तुम आये हो सारा शहर सुहाना लगता है जाता हुए लम्हों को ठहराना मुश्किल है आसान नहीं झुकती आँखें रूकती सांसें दर्द अधूरा कहतीं है  दिल की पूरी बातें अक्सर दिल के अंदर ही रहतीं हैं मुंह की बात को जुबान पर लाना मुश्किल है आसान नहीं  जो हम चाहें वो तुम चाहो फिर भी क्यों दुरी है  मिलकर भी हम कभी मिल नहीं पाते ये केसी मजबूरी है रस्मों की दीवार गिराना मुश्किल है आसान नहीं

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