अब सवेरा हो गया है

उठो जागो  अब सवेरा हो गया है त्याग दो आलस  अब सवेरा हो गया है।। उग आया है सूरज बिखेरी स्वर्ण-किरणें धन्य हुई धरा  अब सवेरा हो गया है।। बन्द आँखों के सपने सब झूठे सारे आँखें खोलो कि सच में  अब सवेरा हो गया है।। नीड़ से निकली हैं चिड़ियाँ देर की गा रही है गीत कि  अब सवेरा हो गया है।। जो कली डाल पर थी रात भर उदास खिल बनी अब फूल कि  अब सवेरा हो गया है।। रात थी नागिन,  बनी अब रस्सी जान लो तोड़ दो बन्धन कि  अब सवेरा हो गया है।। बहुत जागते रहें हैं उल्लू रात भर सोने दो अब उन्हें "प्राची" कि अब सवेरा हो गया है।।

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