आसमान बाकी है

जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है...., दरख्तों तुम्हारा इम्तहान बाकी है...., बादलों समय पर बरस जाना इस बार सूखी जमीनों पर..., किसी का मकान गिरवी है और किसी का लगान बाकी है....

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