आँख भर आती है

प्यार हमे भी है, क्यो वो समज नही पाते है जलती शमा भी है जुदाई में, क्यो परवाने भूल जाते है शायद साहिल की ये लहरे, समुंदर की गहराई को नही समज पाती है इसलिए दिल टूटने से पहले, आख भर आती है…

 

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