ऑंखोंमे खोजनेकी ज़रूरत है

न दिलमें झाँकनेकी ज़रूरत है, न ऑंखोंमे खोजनेकी ज़रूरत है। मेरे दर्दकी दास्ताँ तुम्हारे सामने खड़ी है। क्योंकी मेरे चेहेरेने आज बग़ावत की है, दिलकी बात धोखेसे बयां की है। कोईभी नक़ाब पहन लूँ, कोईभी रंग लगा लूँ। मेरे मनकी बेचैनी सामने आ ही गयी है। क्योंकी मेरे चेहेरेने आज बग़ावत की है, दिलकी बात धोखेसे बयां की है। ये चेहेराभी कितना ग़द्दार है, मेरा होकेभी परायोंका साथ देता है। भीतरके द्वंदको ये छुपाता नही, बिखरे हुवे खयालोंको ये समेटता नही। तंग आकर इससे,  मैनेभी आज बग़ावत की है। आप सबसे मेरे चेहेरेकी शिकायत की है।

Related News